नियोजित शिक्षकों की हुई बड़ी जीत , नीतीश सरकार को हाई कोर्ट ने दिया झटका , हाई कोर्ट पटना ने नियोजित शिक्षकों के फेबर में सुनाया फैसला, विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2024 के कंडिका 4 और 12 हुआ रदद् , 

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नियोजित शिक्षकों की हुई बड़ी जीत , नीतीश सरकार को हाई कोर्ट ने दिया झटका , हाई कोर्ट पटना ने नियोजित शिक्षकों के फेबर में सुनाया फैसला, विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2024 के कंडिका 4 और 12 हुआ रदद् , 

पटना हाई कोर्ट ने राज्य के नियोजित शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। सक्षमता परीक्षा से सहमें शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने कहा है कि सक्षमता परीक्षा में फेल होने या शामिल नहीं होने वाले नियोजित शिक्षक पद पर बने रहेंगे और उनकी नौकरी नहीं जाएगी।

माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने चार मुख्य बिंदुओं पर फ़ैसला सुनाया :

1. *प्रथम बिंदु पर हाई कोर्ट ने राज्य में कार्यरत स्थानीय निकाय शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा को सही ठहराया* ।

2. *हाई कोर्ट ने नई शिक्षक नियमावली के रूल* 4 *को निरस्त कर दिया जिसके* *तहत सभी शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है*

3. हाई कोर्ट ने बिहार राज्य शैक्षिक संस्थागत शिक्षक और कर्मचारी (शिकायत निवारण और अपील नियमावली 2020) के रूल 12 को भी निरस्त कर दिया जिसके के तहत गठित जिला/राज्य अपीलीय प्राधिकार का लंबित वादों/मामलों का इस नियमावली से प्रवित्त होने की तिथि से 6 महीने के अंदर निपटारा हो जाना चाहिए, इसके अतिरिक्त इस नियमावली के प्रवित्त होने की तिथि से ज़िला / राज्य अपीलीय प्राधिकार कोई भी नया वाद स्वीकार नहीं करेंगे ।

4.*हाई कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के प्रमोशन एसीपी संबंधित प्रावधान बनाने के लिए सरकार को निर्देशित किया है*

हाई कोर्ट के इस फैसले से शिक्षा विभाग को बड़ा झटका लगा है।

दरअसल, बिहार में शिक्षकों की बड़ी संख्या में बहाली के बाद राज्य के साढ़े तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों ने उनकी सेवा को स्थाई करते हुए बीपीएससी पास शिक्षकों की तरह ही राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग उठाई थी। जिसके बाद सरकार ने तय किया था कि नियोजित शिक्षकों को सरकार राज्यकर्मी का दर्जा देगी लेकिन उन्हें शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित सक्षमता परीक्षा को पास करना होगा।

राज्य सरकार के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया। शिक्षा विभाग की तरफ से नियोजित शिक्षकों को समझता परीक्षा के जरिए पहले तीन मौके देने की बात कही गई लेकिन बाद में भारी विरोध के बाद शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों को राहत देते हुए सक्षमता परीक्षा को पांच अटैम्पट कर दिया।

सरकार के इस फैसले के खिलाफ नियोजित शिक्षक संघ ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और न्याय की गुहार लगाई। इस बीच राज्य में शिक्षा विभाग की तरफ से नियोजित शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा आयोजित की गई, जिसके नतीजे भी सामने आ चुके हैं। बड़ी संख्या में इस परीक्षा में नियोजित शिक्षक पास हुए हैं तो हजारों शिक्षक फेल भी हो गए हैं।

मंगलवार को पटना हाई कोर्ट में नियोजित शिक्षक संघ की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें नियोजित शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अदालत ने उन्हें बड़ी राहत दे दी। हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि ऐसे नियोजित शिक्षक जो सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं हुए हैं या जो परीक्षा में शामिल होने के बावजूद पास नहीं हो सके हैं, सभी पहले की तरह अपने पद पर बने रहेंगे। हाई कोर्ट के इस फैसले को राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

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