नीतीश केबिनेट का बड़ा फैसला, अब सरकारी कर्मचारियों सहित शिक्षकों को भी मिलेगा 1 जनवरी से 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता का लाभ, पत्र हुआ जारी

नीतीश केबिनेट का बड़ा फैसला, अब सरकारी कर्मचारियों सहित शिक्षकों को भी मिलेगा 1 जनवरी से 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता का लाभ, पत्र हुआ जारी
नीतीश केबिनेट मे कुल 59 एजेंडो पर लगी मोहर, सरकारी कर्मचारियों के DA मे हुई बढ़ोतरी, शिक्षकों के वेतन मे भी होंगी बढ़ोतरी, 1 जनवरी 2025 से ही मिलेगा वित्तीय लाभ
दरअसल, नीतीश कैबिनेट ने विभिन्न विभागों से जुड़े 69 प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगा दी है। सरकार ने गया जिला का नाम बदल दिया है। गया अब गया जी के नाम से जाना जाएगा। इसके साथ ही बिहार सरकार ऑपरेशन सिंदूर में हुए शहीद के आश्रितों को 50 लाख रुपए सम्मान राशि के तौर पर देगी। हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छपरा जाकर शहीद मो. इम्तियाज के परिजनों को 50 लाख रुपए की राशि सौंपी थी।
नीतीश सरकार ने जीविका बैंक के गठन को मंजूरी दे दी है, जो कॉपरेटिव बैंक होगा। इसके जरिए सरकार जीविका दीदी को लोन उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही सरकार ने सरकार ने 45 नए आँगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने का फैसला लिया है। बिहार सरकार बीजेपी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम स्व. सुशील कुमार मोदी के जन्म दिवस 5 जनवरी को अब राजकीय समारोह के तौर पर मनाएगी।
छठा वेतन प्राप्त कर रहे सरकारी सेवकों को 246 फीसदी की जगह 252 फीसदी, सप्तम वेतन-पेंशन प्राप्त कर रहे सरकारी सेवकों को 53 की जगह 55 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा.
कृषि विभाग के एक महत्वपूर्ण एजेंडा पर मुहर लगी है. किसान सलाहकार योजना की कार्यान्वयन के लिए एक अरब 25 करोड़ 95 लाख 23 हजार रुपए की स्वीकृति दी गई है. किसान सलाहकार को प्रति माह 13000 रुपए नियत मानदेय एवं इस पर 13% की दर से 1690 प्रतिमाह ईपीएफ लाभ सहित 14690 रुपए का भुगतान किया जाना है .प्रखंड सह अंचल कार्यालय एवं परिसर की साफ सफाई जीविका संगठनों के माध्यम से करने की स्वीकृति दी गई है. इस पर 33 करोड़ 84 लाख 80 हजार 448 रुपए प्रति वर्ष व्यय होगा . औरंगाबाद के मदनपुर को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है.
दरभंगा जलापूर्ति योजना के तहत 186 करोड़ 15 लाख 52 हजार रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है . बक्सर में भी सीवरेज नेटवर्क परियोजना की स्वीकृति दी गई है. इसके लिए 255 करोड़ 88 लाख 35 हजार रुपए की स्वीकृति दी गई है .औरंगाबाद जलापूर्ति परियोजना के लिए 72 करोड़ 44 लाख 65000 की प्रशासनिक स्वीकृतिदी गई है .
सिवान के जीरादेई अंचल में केंद्रीय विद्यालय के भवन एवं स्टाफ क्वार्टर निर्माण के लिए 5 एकड़ गैरमजरूआ जमीन केंद्रीय विद्यालय संगठन को 30 वर्षों की लीज पर दिया गया है . छपरा में केंद्रीय विद्यालय के लिए 5 एकड़ जमीन केंद्रीय विद्यालय संगठन के नाम पर दिया गया है. औरंगाबाद के देवकुंड में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए चार एकड़ जमीन दिया गया है .बक्सर में केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन दिया गया है .
नीतीश सरकार के निर्णयों से लगता है कि वे जनता के हितों को प्राथमिकता दे रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी एक सराहनीय कदम है। जीविका बैंक का गठन और आँगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा। किसान सलाहकार योजना और जलापूर्ति परियोजनाओं पर ध्यान देकर सरकार ने कृषि और जल संसाधनों को मजबूत करने का प्रयास किया है। केंद्रीय विद्यालयों के लिए जमीन आवंटित करना शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। क्या आपको नहीं लगता कि इन योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन होगा और जनता को इसका पूरा लाभ मिलेगा?