भीषण गर्मी में सरकारी स्कूलों में अत्यधिक संख्या में बीमार पड़ रहे बच्चों को अभी तक गर्मी  की छुट्टी नही देने पर केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री से मांगा जवान 

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भीषण गर्मी में सरकारी स्कूलों में अत्यधिक संख्या में बीमार पड़ रहे बच्चों को अभी तक गर्मी  की छुट्टी नही देने पर केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री से मांगा जवान 

 

बिहार में 45 डिग्री पार तापमान के बावजूद सरकारी स्कूलों के बच्चों को अभी तक गर्मी की छुट्टी क्यों नही मिली , केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बिहार सरकार से किया जवाब तलब, टेंशन में है मुख्यमंत्री

 

बिहार की चर्चा करने पर इन दिनों के के पाठक का जिक्र भी निकल आ रहा है. वे लगातार चर्चा में हैं. वे शिक्षा विभाग के आला आईएएस अफसर हैं. केके पाठक की चर्चा उनके लगातार जारी होने वाले आदेशों को लेकर होती है.

बिहार में अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण सरकारी स्कूलों के बच्चे प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में बीमार पड़ रहे हैं । ये किसी एक जिला की बात नही है बल्कि बिहार के लगभग जिलों में आसमान से आग की बारिश हो रही है । ऐसी भीषण गर्मी में सरकारी स्कूलों के बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे गम्भीर प्रभाव को देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बिहार सरकार से जवाब तलब किया है ।

लेकिन हैरानी की बात है कि उन्होंने जानलेवा गर्मी में बच्चों के स्कूल बंद करने के आदेश नहीं दिए. बच्चे गर्मी से बेहाल होकर बेहोश हो रहे हैं. पैरेंट और टीचर भी परेशान दिख रहे हैं. फिर भी बिहार शिक्षा विभाग ने समय रहते कोई कदम नहीं उठाया. पाठक बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव हैं और शिक्षा विभाग के सबसे बड़े अफसर. वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बहुत खासमखास भी माने जाते हैं.

पंखे भी तो ‘आग’ ही उगल रहे हैं

45 से 47 डिग्री सेल्सियस तक पारा चढ़ने के बाद पंखे भी आग ही उगलते हैं. ऐसे में बच्चों की स्थिति बहुत आसानी से समझी जा सकती है. ज्यादातर स्कूलों में जहां सुबह जल्दी शिफ्ट शुरु होती है. इसे भी गर्मी से बचाव के उपाय के तौर पर लिया जाता है. लेकिन बहुत सारे बच्चे जल्दी स्कूल जाने के चक्कर में ठीक से खाते पीते नहीं है. ऐसे में हीट वेव से उनके प्रभावित होने का अंदेशा और बढ़ जाता है.

मौसम विभाग ने वक्त रहते चेता दिया था

मौसम विभाग ने भीषण गर्मी की चेतावनी वक्त रहते दे दी थी. इसे ही सोच समझ कर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों ने गर्मी की छुट्टियां तय कैलेंडर से पहले कर दीं. इसका असर ये है कि इन राज्यों में वैसी घटनाएं नहीं हुईं जैसी बिहार में देखने को मिली हैं.

शेखपुरा, बाढ, गया और बेगूसराय में बच्चे बीमार हुए

राज्य के शेखपुरा, गया, बाढ़ और बेगूसराय के स्कूलों में बच्चों के गर्मी का शिकार होने की खबर आई है. कई स्कूलों में बच्चे गश कर बेहोश हो गए या अर्द्ध बेहोशी की स्थिति में पहुंच गए. खबर करने के लिए न्यूज़ 18 की टीम जब पटना के कन्या विद्यालय में पहुंची तो बच्चे मांग करने लगे कि स्कूल में एसी लगाया जाना चाहिए. शिक्षा विभाग के लिए बच्चों की ये मांग पूरी कर पाना मुश्किल है. लिहाजा इस चिलचिलाती गर्मी में स्कूलों की छुट्टी कर देना अधिक माकूल इंतजाम लगता है. बच्चों के साथ साथ टीचरों की स्थिति भी गर्मी से बहुत खराब है. पहले से ही केके पाठक के अलग-अलग आदेशों से खार खाए कई टीचरों ने इसका दोष भी उन्हीं के मत्थे मढ़ दिया.

तेजस्वी ने मुख्यमंत्री को घेरा

इस मसले को बिहार के विपक्ष नेताओं ने भी संजीदगी से उठाया है. आरजेडी नेता तेजस्वी का कहना है – “मुख्यमंत्री की बात भी स्कूल के टाइमिंग को लेकर नहीं सुनी जाती. आप समझ जाइए क्या स्थिति है.” उनका आरोप है कि राज्य में अफसरशाही हावी है. वे सवाल करते हैं – “मुख्यमंत्री इतना कमजोर क्यों हो गए हैं? 47 डिग्री टेंपरेचर है. इस हिसाब से जो छोटे बच्चे हैं उनके रिलैक्सेशन का ध्यान लोगों को देना चाहिए. यह तो कोई भी एडवाइस करता है. डॉक्टर कहते हैं इंफ्रास्ट्रक्चर में बिहार के स्कूलों का उस हिसाब का नहीं है ताकि स्कूल जाएंगे सुरक्षित रहेंगे. वह भी देखने वाली बात है. इस हालत में मुख्यमंत्री तो कुछ नहीं कर पा रहे है. तो साफ दिख रहा है मुख्यमंत्री को लोगों ने घेर रखा है और उनके हाथ में कुछ नहीं है.”

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