अब शिक्षकों को शिकायत के लिए नहीं लगानी होंगी DEO ऑफिस का चककर, बल्कि डायरेक्ट DEO से बात करेंगे शिक्षक, विभाग ने जारी किया दिशा निर्देश
अब शिक्षकों को शिकायत के लिए नहीं लगानी होंगी DEO ऑफिस का चककर, बल्कि डायरेक्ट DEO से बात करेंगे शिक्षक, विभाग ने जारी किया दिशा निर्देश
बिहार शिक्षा विभाग ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार अब कोई भी शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मचारी अपनी शिकायतें लेकर सीधे जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) के कार्यालय नहीं जाएंगे।
इसके अतिरिक्त, जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के कर्मचारी भी आवेदकों से फोन पर संपर्क नहीं करेंगे। आवेदक और DEO केवल फोन पर ही संपर्क कर सकते हैं। DEO और आवेदक एक दूसरे से मोबाइल पर बातचीत कर सकते हैं। अगर कोई भी शिक्षक या कर्मचारी जिला शिक्षा कार्यालय में उपस्थित पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विभाग ने DEO को निर्देश दिया है कि सभी शिक्षक और कर्मचारियों को सूचित करें कि वे अपनी सेवा या सेवांत लाभ से संबंधित सभी आवेदन बीईओ कार्यालय में जमा करें। सभी बीईओ आवेदनों के निष्पादन के लिए DEO कार्यालय में भेजेंगे। जो भी आवेदन पहले आएंगे, उनका पहले निष्पादित करना सुनिश्चित किया जाएगा। किसी कारण से क्रम भंग होने पर उसका उल्लेख पंजी में अंकित किया जाएगा।
आवेदनों को लंबित रखने पर होगी कार्रवाई
विभाग ने DEO से यह भी कहा है कि अक्सर यह देखा जाता है कि शिक्षक कर्मचारियों से प्राप्त आवेदनों का कार्यालय में नियमानुसार पंजीकरण नहीं होता है। विशेषकर मातृत्व अवकाश, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, बकाया वेतन भुगतान और सेवांत लाभ जैसे वित्तीय मामलों से संबंधित आवेदनों को लंबी अवधि तक गलत मंशा से लंबित रखा जाता है।
विभाग ने कहा कि अनुचित अपेक्षाओं की पूर्ति के बाद अचानक संदेहास्पद रूप से एक ही दिन में आवेदन स्वीकृत कर उसी दिन भुगतान कर दिया जाता है, जबकि यह आवेदन महीनों से कार्यालय की अलमारी में बंद पड़े रहते हैं।
इस संबंध में सख्ती बरतते हुए निर्देश दिया गया है कि नियमित या संविदा पर कार्यरत कर्मियों को हर माह के पहले आठ कार्यदिवस में वेतन-मानदेय का भुगतान सुनिश्चित करें। इस संबंध में अगर किसी भी प्रकार की शिकायत आती है, तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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