शिक्षकों की बढ़ने वाली है टेंशन, गर्मी की छुट्टी के बाद सभी स्कूलों मे लागु होगा नया नियम, हर स्कुल मे जाएगी टीम 

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शिक्षकों की बढ़ने वाली है टेंशन, गर्मी की छुट्टी के बाद सभी स्कूलों मे लागु होगा नया नियम, हर स्कुल मे जाएगी टीम 

 

शिक्षकों कों मिलने वाली ट्रेनिंग से छात्रों को कितना फायदा हो रहा है इसकी भी जांच होगी।

इसको लेकर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक विनायक मिश्र ने इस संबंध में जिला के सभी प्रशिक्षण संस्थानों के प्राचार्य प्रभारी प्राचार्य को निर्देश दिया है। इस प्रक्रिया के तहत डायट, प्रखंड शिक्षक शिक्षा संस्थान और शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों की फैकल्टी की टीमों को टैग किए गए स्कूलों में भेजा जाएगा।

एक टीम को पांच स्कूलों-एक उच्च विद्यालय, एक मध्य विद्यालय और तीन प्राथमिक विद्यालय-में मूल्यांकन का जिम्मा सौंपा गया है।

यह टीम सप्ताह में एक दिन कक्षा में उपस्थित रहकर शिक्षण प्रक्रिया का अवलोकन करेगी और कुल 23 बिंदुओं पर शिक्षकों की कार्यप्रणाली की ग्रेडिंग करेगी। उनकी ग्रेडिंग कर रिपोर्ट मुख्यालय में भी भेजी जाएगी। ऐसे में शिक्षा विभाग ने ट्रेनिंग के फायदे की जांच योजना बनाई है ताकि जरूरत होने पर ट्रेनिंग प्रक्रिया में भी सुधार किया जा सके।

क्या देखेगी मूल्यांकन टीम?

टीम यह देखेगी कि कक्षा में विषय को किस तरह पढ़ाया जा रहा है, शिक्षक कितनी तार्किकता के साथ टॉपिक को समझा रहे हैं, क्या वर्तमान पाठ को पूर्व के पाठ से जोड़ा जा रहा है या नहीं? क्या बड़े बिंदुओं को स्पष्ट रूप से अलग किया जा रहा है। साथ ही, यह भी जांचा जाएगा कि शिक्षक उपयुक्त उदाहरणों का प्रयोग कर रहे हैं या नहीं, क्या छात्र महत्वपूर्ण बिंदुओं को नोट कर पा रहे हैं, और कक्षा में छात्रों को सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है या नहीं।

टीम यह भी देखेगी कि जब छात्र सवाल पूछते हैं, तो क्या शिक्षकों के उत्तर उन्हें संतुष्ट करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य यह जानना है कि प्रशिक्षण पर किए गए भारी खर्च के बाद स्कूलों में शिक्षण की गुणवत्ता में कितना सुधार हुआ है।

शिक्षकों के साथ मित्रवत व्यवहार का निर्देश एससीईआरटी के निदेशक ने स्पष्ट किया है कि यह एक शैक्षणिक मॉनिटरिंग है, न कि निरीक्षण। टीमों को निर्देशित किया गया है कि वे शिक्षकों के साथ मित्रवत व्यवहार रखें ताकि माहौल सहज बना रहे और मूल्यांकन निष्पक्ष रूप से हो सके।

शिक्षा में गुणवत्ता लाने की दिशा में यह प्रयास अहम माना जा रहा है। इससे न केवल शिक्षकों की दक्षता में पारदर्शिता आएगी बल्कि छात्रों की सीखने की प्रक्रिया भी बेहतर होगी।