शिक्षकों के लिए सरकार ने जारी की ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी, जानिए शिक्षकों को कैसे मिलेगा फायदा
शिक्षकों के लिए सरकार ने जारी की ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी, जानिए शिक्षकों को कैसे मिलेगा फायदा
बिहार के शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित मांग को मानते हुए ट्रांसफर पॉलिसी की घोषणा की है। तबादला पॉलिसी की घोषणा होते ही बिहार के लाखों शिक्षकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई।
शिक्षकों का कहना है कि बीपीएससी शिक्षकों को सरकार ने दुर्गा पूजा का उपहार दिया है। यह मांग लंबे इंतजार के बाद मिली है, जिसे सरकार ने अब हरी झंडी दी है। सरकार के इस फैसले पर शिक्षकों ने खुशी है। इस संबंध में जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि इसी महीने शिक्षकों को दिए गये एप पर तबादले के लिए आवेदन लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग नीति को 30 सितंबर तक पूरी तरह पूरा कर लिया गया था, जिसकी घोषणा आज की गई है।
जानिए कौन ले सकेंगे इसका विशेष फायदा
ट्रांसफर पोस्टिंग नीति के तहत उन शिक्षकों को सबसे ज्यादा फायदा होगा, जो पति-पत्नी दोनों शिक्षक हैं। अगर कोई शिक्षक किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, शिक्षक दिव्यांग हैं या असाध्य रोगों से पीड़ित हैं, तो इससे संबंधित आवेदन को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। ट्रांसफर पोस्टिंग नीति से 1.87 लाख सक्षमता पास शिक्षकों की पोस्टिंग का रास्ता भी अब साफ हो गया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धर्थ का कहना है कि शिक्षक अब अपने घर के आसपास के विद्यालयों में ही पढ़ा पाएंगे। हालांकि इसके लिए उन्हें 10 विकल्प देने होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग उन शिक्षकों को उनके विकल्पों में से कहीं भी पदस्थापित कर सकती है। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर पोस्टिंग नीति का फायदा फिलहाल सिर्फ सक्षमता पास शिक्षकों को मिलेगा, जिन्हें नये स्कूल में पदस्थापित किया जाना है।
यह है शिक्षकों की मांग
इस संबंध में टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक और शिक्षक नेता राजू सिंह का कहना है कि पुरूष शिक्षकों को अनुमंडल के बजाय पदस्थापित/गृह प्रखंड प्रखंड से अन्य प्रखंड में जाने का मौका मिले न कि अनुमंडल स्तर पर पोस्टिंग हो। उनका यह भी कहना है कि इस नियम के तहत बांका, जमुई, जहानाबाद, किशनगंज, लखीसराय, शेखपुरा और शिवहर में एक ही अनुमंडल है। इस स्थिति में वहां के पुरुष शिक्षक कहां जायेंगे। उनका यह भी कहना है कि नियोजित शिक्षक के तौर पर किया गया सर्विस लेंथ का विशिष्ट शिक्षक बनने के बाद क्या होगा?
सेवा निरंतरता का लाभ मिलेगा या नहीं मिलेगा इसमें यह स्प्ष्ट नहीं किया गया है। इस संबंध में राजू सिंह ने कहा कि सक्षमता परीक्षा में अधिक नंबर प्राप्त हुआ, इसका कोई विशेष लाभ नहीं मिला। उनका शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री से सुझाव है कि सरकार शिक्षकों का ट्रांसफर अनुमंडल के जगह प्रखंड स्तर पर करे तो ज्यादा बेहतर होगा। साथ ही ट्रांसफर/पदस्थापना पुरुष और नियोजित शिक्षकों को भी मिले, सरकार को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए। उनका यह भी सुझाव है कि बीपीएससी वाले शिक्षक यदि आवेदन नहीं करे तो वह उसी विद्यालय में बने रहेंगे, तो ऐसे में सक्षमता वाले को भी ये सुविधा मिलनी चाहिए। राजू सिंह ने शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री से गुहारल गाते हुए कहा कि 5 साल की अनिवार्य ट्रांसफर नीति सही नहीं है इस शर्त को हटाना चाहिए।