क्वांटम डॉट की खोज के लिए तीन वैज्ञानिकों को मिला नोबेल पुरस्कार

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क्वांटम डॉट की खोज के लिए तीन वैज्ञानिकों को मिला नोबेल पुरस्कार

मेस कस सीट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एमआईटी के प्रोफेसर मांगी जी बगंडी वह कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एमेरिटस लुई ब्रूस और नेनोड्रो क्रिस्टल टेक्नोलॉजी लिंक में काम करने वाले इलेक्शन को केमिस्ट्री में 2023 का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ़ साइंसेज ने बुधवार को कहा इस साल रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार क्वांटम डॉट्स की खोज और इन्हें मिलने के लिए दिया जा रहा है

क्वांटम डॉट्स का उसे क्या है

नंबर एक क्वांटम डॉट्स का इस्तेमाल आज कंप्यूटर मॉनिटर मोबाइल टेलीविजन स्क्रीन को रोशनी देने के लिए किया जाता है नंबर दो इसमें के एलईडी तकनीक का उसे किया जाता है नंबर 3 क्वांटम डॉट्स की लाइट इतनी तेज होती है कि जब इस ट्यूमर पर डाला जाएगा तो सर्जन को इसके टिशु देखने में कोई परेशानी नहीं होगी

नोबेल पुरस्कार के रूप में क्या मिलता है

प्रत्येक क्षेत्र के नोबेल के तहत विजेताओं को एक गोल्ड मेडल और एक सर्टिफिकेट के साथ एक करोड़ क्रोनर लगभग 9 लाख डॉलर की प्राइस मनी दी जाती है विनर का सम्मान 10 दिसंबर को किया जाता है 1896 में 10 दिसंबर की तारीख को ही अल्फ्रेड नोबेल का निधन हुआ था 1901 से 2021 तक कुल 609 बार यह अवार्ड दिए जा चुके हैं

इस तरह के रिसर्च के लिए दिया जाता है वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार

पिछली सदी के नवे दशक की शुरुआत में एक ही मा ने पता लगाया कि कांच का रंग उसमें मौजूद तांबे के क्लोराइड अंगों के आकार के साथ बदलता है और इसमें सब एटॉमिक फोर्स काम करता है कुछ वर्षों के बाद ब्रश ने तरल पदार्थ के रंग पर भी ऐसी ही खोज की 1993 में बावनदी के ने क्वांटम डॉट्स के प्रोडक्शन में क्रांति ला दी जो कुछ हजार परमाणुओं से बना था डॉट का गुण यह है कि वह परमाणु संरचना में चेंज किए बिना किसी पार्टिकल के आकार के आधार पर अलग-अलग रंग की रोशनी बनाते हैं

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