राज्य में एक छत के निचे चल रहे है 5 विद्यालय , 350 से अधिक है इन सभी विद्यालयों में बच्चे , कुल 23 शिक्षक हैं पदस्थापित , पटना HC ने ऐसे स्कूलों के लिए अनयाय शख्त रुख

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बिहार :–राज्य में एक छत के निचे चल रहे है 5 विद्यालय , 350 से अधिक है इन सभी विद्यालयों में बच्चे , कुल 23 शिक्षक हैं पदस्थापित , पटना HC ने ऐसे स्कूलों के लिए अनयाय शख्त रुख

-बिहार में शिक्षा व्यवस्था के क्षेत्र में बिहार सरकार ने बहुत तेजी से शिक्षा की स्थिति को सुधारने पर काम कर रही है की बिहार सरकार क्या प्रमुख सचिव के पाठक स्कूलों की दिशा व दशा सुधारने के लिए लगातार प्रयासरत हैं स्कूलों की स्थिति लगभग 70% तक सुधर चुकी है।

बिहार के पटना में एक छत के नीचे पांच स्कूल का संचालन मामले में पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने सरकार से कार्रवाई रिपोर्ट देने का आदेश दिया. अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है.

पटनाः बिहार में ऐसे अभी भी कई सरकारी स्कूलों का संचालन हो रहा है जिनके पास न तो स्कूल भवन हैं और न ही स्कूल की भूमि ही है , ऐसे सेकड़ो विद्यालयों का संचालन अगल बगल वाले विद्यालयों में टैग कर किया जा रहा है ।

बिहार सरकारी स्कूलों का हाल खराब है. कई स्कूलों में छात्रों के लिए बैठने तक की सुविधा नहीं है. एक कमरे में कई सारे कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाया जाता है. सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात तो यह है कि एक ही छत के नीचे एक से ज्यादा स्कूलों का संचालन किया जाता है. जिस कारण छात्र-छात्राओं के साथ साथ शिक्षकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बिहार के ऐसी ही स्कूलों की खबर पर पटना हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है.

एक छत के नीचे 5 स्कूलों का संचालनः

बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने स्कूलों की स्थिति में सुधार को लेकर दिन प्रतिदिन नए नए प्रयोग करते दिखते हैं । मुख्य सचिव ने  भूमिहीन व भवनहीन विद्यालयों की सूचि सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी से तलब की थी ताकि इन स्कूलों की उचित व्यवस्था किया जाय । हाल में कई ऐसे स्कूलों के नाम सामने आए हैं, जहां भवन की कमी देखी गई है. कई स्कूल के भवन ऐसे हैं, जहां न खिड़की और न ही कमरे में दरवाजा है. छात्र-छात्राएं बैठने के लिए घर से बोरा लाते हैं. हाल में पटना में ऐसा स्कूल देखने को मिला है, जहां एक छत के नीचे 5 स्कूलों का संचालन किया जा रहा है. मामला संज्ञान में आने के बाद पटना हाईकोर्ट ने सरकार से इसकी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. इसको लेकर बुधवार को सुनवाई भी हुई.

कार्रवाई रिपोर्ट की मांगः

पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने इस मामलें में स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को हलफनामे पर की गई कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिया था. बुधवार की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार इस मामलें पर स्वयं संज्ञान ले कर कार्रवाई कर रही है.

बेव पोर्टल की खबर पर संज्ञानः

एक वेब पोर्टल पर छपी रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. इस रिपोर्ट के अनुसार करबिगहिया क्षेत्र में 350 से अधिक छात्रों वाले पांच स्कूल एक ही छत के नीचे संचालित हो रहे हैं. स्कूलों में शिक्षकों की कुल संख्या 23 है. स्कूल परिसर गंदे पानी से भरा हुआ है, जिससे डेंगू सहित अन्य बीमारियां फैल सकती हैं.

स्कूल में सुविधाओं की कमीः

स्कूल में एक ही ब्लैकबोर्ड है, जिसे बारी-बारी से शिक्षक उपयोग कर पाते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक़ बालक मध्य विद्यालय करबिगहिया, कन्या महाविद्यालय करबिगहिया, प्राथमिक विद्यालय चांदपुर बेला, प्राथमिक विद्यालय जयप्रकाश नगर और न्यू सिन्हा मॉडर्न मिडिल स्कूल पुरंदरपुर, ये सभी स्कूल एक ही छत के नीचे संचालित हो रहे हैं.

लगातार दौरा कर रहे हैं केके पाठकः

इनदिनों शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक लगातार स्कूलों का दौरा कर रहे हैं. ड्यूटी में अनियमितता और फर्जी नामांकित छात्र-छात्राओं के खिलाफ कार्रवाई भी कर रहे हैं. निरीक्षण के दौरान कई ऐसे स्कूल के नाम सामने आए हैं, जहां सुविधाओं की कमी दिखी, लेकिन सरकार की ओर से इस ओर कोई पहल नहीं दिखी. स्कूलों की बदहाली की खबर पर अब पटना हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर सरकार से रिपोर्ट मांगी है.

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