हाई कोर्ट ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर की शक्ति प्रधानमंत्री से अधिक होती हैं
प्राइमरी स्कूल के टीचर का महत्व समझना हो तो हाई कोर्ट का यह आदेश जरूर पढ़िए , हाई कोर्ट ने टीईटी शिक्षकों की बहाली के मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी इसी दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि देश मे या समाज एक शिक्षक की महत्व इतनी है कि उतनी किसी दूसरे वर्ग की महत्व नही है ।
शिक्षक का दर्जा तो भगवान , माता पिता से भी बढ़कर हैं । एक प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर की शक्ति भी प्रधानमंत्री के शक्ति से अधिक होती हैं ।
एक शिक्षक ही प्रधानमंत्री , राष्ट्रपति , न्यायाधीश , जिला पदाधिकारी सहित सभी तरह की पद को दिलाने में ऊनी महत्वपूर्ण योगदान देते है इसलिए ये कहा जा सकता है कि एक हेडमास्टर की शक्ति प्रधानमंत्री से अधिक होती हैं ।
हाई कोर्ट ने कहा कि जो शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण करने को अनिवार्य किये । जाने के संबंध में हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों के वकीलों जिला सुनने के बाद अपने फैसले में कानूनी स्थिति को स्पष्ट कर ही दी है
वही कोर्ट ने गुरु महिमा का भी जिक्र किया है अपने आदेश में हाईकोर्ट की वेबसाइट पर इसे अपलोड भी कर दिया गया है शिक्षा का अधिकार कानून के नीति बनाए तिथि के विवाद का प्रत्यक्ष करते हुए हाईकोर्ट ने कई ऐसी बातें कहीं जो काबिले गौर है
52 बनने के महत्वपूर्ण फैसले के पेज 35 पर वेस्टर्न चरखी के उसे ऐतिहासिक वक्तव्य का भी जिक्र है जिसमें उन्होंने कहा कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक की शक्ति पीएम से कहीं अधिक है इस तरह पेज 31 पर शिक्षक के महत्व को रेखांकित करते हुए लिखा गया है कि गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवों महेश्वरम गुरु शाश्वत क्रम में श्री नव शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी की इसलिए जरूरी माना गया है ताकि बच्चे को उचित शिक्षा मिल सके शिक्षक की ऐसी योग्यता होनी चाहिए कि वह बच्चे की जिज्ञासा शांत कर उसे अच्छे शिक्षा प्रदान करें