नियोजित नियोजित शिक्षकों के परीक्षा लेकर राज्य कर्मी का दर्जा देने पर दो खेलों में बाटे नियोजित शिक्षक
नियोजित नियोजित शिक्षकों के परीक्षा लेकर राज्य कर्मी का दर्जा देने पर दो खेलों में बाटे नियोजित शिक्षक
राज्य के तकरीबन 4 लाख नियोजित शिक्षकों पुस्तकालय अध्यक्ष को एवं शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को परीक्षा की शर्त पर राज्य कर्मी का दर्जा देने के लिए प्रस्तावित नियमावली के ड्राफ्ट पर शिक्षक दो खेमे में बढ़ गए हैं शिक्षकों के कई संगठनों ने आपत्ति जताते हुए बिना शर्त सभी नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग की है तो कई शिक्षक संगठनों ने परीक्षा का स्वागत करते हुए इसका सिलेबस और सहकारी दक्ष परीक्षा के सामान रखने और विसंगतियों के निराकरण की आवाज उठाई है
बिहार राज प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष बृजनंदन शर्मा कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज कुमार महासचिव नागेंद्र नाथ शर्मा गाड़ी उपाध्यक्ष मनीष जी ने कहा कि प्रस्तावित बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के ड्राफ्ट में काफी भी संगतिया हैं इसका निराकरण मात्र आपत्ति भर लेने से संभव नहीं है सरकार को बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के साथ बैठकर विस्तृत बात करने की आवश्यकता है सरकार को चाहिए कि विनाशक सभी शिक्षकों को राज करने का दर्जा एवं पुराने शिक्षकों की तरह सुविधा सरकार मुहैया कारण एक लाइन का आदेश निर्गत करें सरकार अगर रेखा शीघ्र शिक्षक संगठन के साथ बैठकर बात कर ड्राफ्ट में संशोधन नहीं करती है तो बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ को बड़े आंदोलन की घोषणा करना होगा
दूसरी और टेट प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह प्रदेश अध्यक्ष संजीत भारती महासचिव आलोक रंजन उपाध्यक्ष आफताब फिरोज ।
शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप डिसूजा की शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम एवं ट सत्संग भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष नितेश कुमार ने नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी बनाने की दिशा सरकार द्वारा किए गए पहला का स्वागत करते हुए कई कई बिंदुओं पर आपत्ति इकाई है ।
प्रदेश संयोजक राजू सिंह सहित सभी शिक्षक नेताओं ने एक स्वर में सरकार द्वारा राज्य कर्मी का दर्जा देने के लिए विभागीय परीक्षा का समर्थन किया है एवं सरकार से मांग की है कि प्रस्तावित परीक्षा का सिलेबस व पैटर्न पूर्व में शिक्षकों के लिए आयोजित दक्षता परीक्षा के अनुरूपी रखा जाए तो परीक्षा का आयोजन नियमावली लागू होने की एक माह के अंदर किया जाए लेकिन तीन बार परीक्षा में फेल होने पर सेवा मुक्त करने के प्रावधान को हटाया जाए या प्रावधान किसी भी सूरत में शिक्षकों को स्वीकार नहीं है ।
उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी बनाए जाने से उनकी बहुत सारी समस्याएं खुद ही समाप्त हो जाएंगे खासकर जो नियोजित शिक्षकों की वर्षों से जो अच्छी का स्थानांतरण की लंबित मांग है ।
वह भी पूरी हो जाएगी उन्होंने कहा कि विभागीय परीक्षा उत्तीरिक्त शिक्षकों के लिए प्रयुक्त नहीं शब्दावली विशिष्ट शिक्षक के बदले विद्यालय अध्यापक की रखा जाए एक विद्यालय में दो कोठी के शिक्षक ना बनाएं जाए विभाग की परीक्षा होती शिक्षकों को नए पर स्ट्रक्चर में वर्तमान में प्राप्त मूल वेतन के समस्थानिक इंडेक्स का मूल वेतन दिया जाए।
विभाग की परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षकों को सेवा निरीक्षण का लाभ दिया जाए और प्रणति को लेकर 2012 के नियमावली के तहत प्रावधानों को अक्षर में रखा जाए स्नातक ग्रेड के शिक्षकों को 5 वर्ष के प्रशिक्षित वेतनमान में सेवा के बाद वरीयत स्नातक शिक्षक के पद पर अनिवार्य रूप से
इधर नव नियुक्त माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ गणेश शंकर पांडे ने कहा कि सरकार नियुक्त शिक्षकों को विनाश सतराज प्रेमिका दर्जा दिया और पुरानी पेंशन योजना लागू करें अन्यथा शिक्षक आंदोलन को बाद होंगे
उधर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों को राज्य करने में सीधे समायोजन करने के बदले परीक्षा लेने का प्रावधान किया जाना वाजिब नहीं है सभी शिक्षक दक्षता एवं पात्रता परीक्षा होती है साथी कुशलतापूर्वक शैक्षणिक कार्य कर रहे हैं श्री पप्पू ने कहा कि सरकार विशिष्ट शिक्षक नियमावली में पूर्ण रूप में सुधार करने में सीधा सामंजन करते हुए कोरोना की वार्ता अर्जित अवकाश का वित्त लाभ एवं पेंशन स्कीम जैसे मूलभूत समस्याओं का समाधान करें ताकि शिक्षकों को आंदोलन करने के लिए बाद नहीं होना पड़े