अस्थाई कर्मचारियों को अपने उच्चतर वेतनमान में प्रोन्नति देने का आदेश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी विभागों के उच्च अधिकारियों को दिया
अस्थाई कर्मचारियों को प्रणति देने का मामला :--अस्थाई कर्मचारियों को अपने उच्चतर वेतनमान में प्रोन्नति देने का आदेश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी विभागों के उच्च अधिकारियों को दिया
बिहार के मुख्यमंत्री सरकारी कर्मचारियों के प्रोन्नति पर भी खाता ध्यान दे रहे हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने अधिकारियों को आज यह निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द अस्थाई कर्मियों को भी उच्चतर वेतनमान में प्रणति दिया जाए इसमें किसी भी तरह की लापरवाही या कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी अस्थाई कर्मचारियों को उनकी वरीयता के अनुसार उन अगले उच्चतर वेतनमान में प्रणति देने का निर्देश मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के उच्च अधिकारियों को दिया है अब बहुत जल्द अस्थाई कर्मियों को अपने उच्चतर वेतनमान में प्रगति मिल जाएगी
राज्य सरकार द्वारा अस्थायी व्यवस्था के तहत राज्य कर्मियों की प्रोन्नति को लेकर सभी विभागों में पदाधिकारियों-कर्मचारियों को उच्चतर वेतनमान में प्रभार देने की प्रक्रिया जारी है।
परंतु स्वास्थ्य विभाग में मेडिकल कालेज अस्पताल व अन्य श्रेणी के अस्पतालों में इस मामले में सुस्ती नजर आ रही है।
प्रोन्नति के प्रस्ताव जल्द सौंपे नहीं तो इससे वंचित हो सकते हैं: नीतीश सरकार
नीतीश सरकार ने हिदायत दी है कि प्रोन्नति के प्रस्ताव जल्द सौंपे नहीं तो इससे वंचित हो सकते हैं। अन्य विभागों की तरह स्वास्थ्य सेवा के साथ ही प्रदेश के सभी श्रेणी के अस्पतालों में तैनात पदाधिकारियों-कर्मचारियों को भी उच्चतर पदों में वेतनमान सहित प्रभार दिया जाना है। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने भी 17 अक्टूबर को ही प्रोन्नति के प्रस्ताव सभी अस्पतालों से आमंत्रित किए थे।
विभाग को अब तक कई जिलों से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला
इसके बावजूद विभाग को अब तक कई जिलों से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। जिलों की इस सुस्ती के बाद स्वास्थ्य के उप सचिव शैलेश कुमार की ओर से सभी मेडिकल कालेज अस्पताल व अन्य अस्पतालों को एक पत्र भेजा गया है।
जिसमें कहा गया है कि कार्यकारी व्यवस्था के तहत रिक्ति के अनुसार कालावधि के नियम को शिथिल करते हुए लेवल जंपिंग का प्रविधान भी किया गया है। लेकिन, जिलों से अब तक प्रोन्नति के प्रस्ताव नहीं मिले हैं। पत्र में निर्देश दिए गए हैं की सभी अस्पताल 24 घंटे के अंदर प्रोन्नति के प्रस्ताव विशेष दूत के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को मुहैया करा दें नहीं तो प्रोन्नति से वंचित हो सकते हैं।