नज नामक एप्प से BPSC से नियुक्त शिक्षकों की निगरानी करेगी शिक्षा विभाग , सभी तरह की शिक्षकों की गतिविधियां खुद ब खुद दर्ज हो जाएगी इस एप्प में , नकारात्मक परिणाम पर शिक्षकों पर होगी कड़ी करवाई

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नज नामक एप्प से BPSC से नियुक्त शिक्षकों की निगरानी करेगी शिक्षा विभाग , सभी तरह की शिक्षकों की गतिविधियां खुद ब खुद दर्ज हो जाएगी इस एप्प में , नकारात्मक परिणाम पर शिक्षकों पर होगी कड़ी करवाई

 

सरकारी स्कूलों में ट्रेनिंग के आधार पर BPSC से नियुक्त शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे है कि नही इसकी निगरानी शिक्षा विभाग  ‘नज’ नामक ऐप्प से करेगी

 

राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की निगरानी रखने के लिए ‘नज’ नाम से ऐप तैयार किया जा रहा है। इस ऐप की मदद से बीपीएससी द्वारा नियुक्त किये गये शिक्षकों की निगरानी की जाएगी।

नवनियुक्त शिक्षकों को राज्य के 81 विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों पर बच्चों को पढ़ाने को लेकर दो सप्ताह की विशेष ट्रेनिंग दी गयी है। शिक्षकों को स्कूल में पदस्थापित किये जाने के बाद ऐप के माध्यम से ही सर्वे किया जाएगा कि शिक्षकों को दी गयी ट्रेनिंग के आधार पर ही क्लास में पढ़ा रहे हैं या नहीं।

एससीईआरटी की ओर से तैयार किये जा रहे प्रश्न

‘नज’ ऐप फीड करने के लिए राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से प्रश्न भी तैयार किये जा रहे हैं, जिसका जवाब स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को ऐप के माध्यम से देना होगा। ऐप के जरिये शिक्षक भी अपनी ओर से फीडबैक दे सेकेंगे।

ऐप में सुरक्षित मैसेजिंग, प्रगति ट्रैकर, ग्रुप लीड, लीडर बोर्ड और डिजिटल नोट्स की भी सुविधा होगी। ऐप के अलावा स्कूलों में शिक्षकों के पढ़ाने के स्तर को समझने के लिए निरीक्षण टीम को भी कुछ सवाल दिये जाएंगे। जिसके आधार पर उन्हें रिपोर्ट करना होगा। निरीक्षण टीम को एससीईआरटी की ओर से तैयार किये जा रहे सवालों का फार्मेट भेजा जाएगा।

ऐप पर शिक्षक देंगे फीडबैक

नज’ ऐप के माध्यम से शिक्षकों की पढ़ाने के स्तर को समझने के साथ ही शिक्षक अपनी समस्याओं या फिर पढ़ाने में होने वाली परेशानियों को बताएंगे। प्रश्नावली में अगर किसी मानक को पूरा नहीं किया जा रहा है तो शिक्षकों को उसकी वजह बतानी होगी।

ऐप में दिये गये फॉर्मेट पर शिक्षक फीडबैक देंगे। इसके साथ ही लीडर बोर्ड और डिजिलट नोट्स का भी इस्तेमाल करेंगे। इससे पता चल जाएगा कि बच्चों को पढ़ा रहे हैं या नहीं।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कराने के लिए ‘नज’ ऐप तैयार किया जा रहा है। ट्रेनिंग के आधार पर शिक्षक कक्षा में पढ़ा रहे हैं या नहीं, इसका सर्वे भी किया जाएगा। इसके लिए नज ऐप का सहारा लिया जाएगा। ऐप की मदद से शिक्षक अपनी फीडबैक देंगे। – सज्जन आर, निदेशक, एससीईआरटी।

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