सितंबर तक नहीं हुए नामांकन तो नव उत्क्रमित स्कूलों को बंद करने पर सरकार करेगी विचार
सितंबर तक नहीं हुए नामांकन तो नव उत्क्रमित स्कूलों को बंद करने पर सरकार करेगी विचार
दाखिले को छात्र विभिन्न स्कूलों में भी होगी हर विषय के अध्यापकों की पोस्टिंग नामांकन के लिए 30 सितंबर तक चलेगा प्रचार प्रसार का गहन अभियान कक्षा 9वी से 12वीं तक की कक्षा में एक भी छात्र आएंगे तो होगी पढ़ाई दाखिला होने तक 9 पद स्थापित अध्यापक मूल मिडिल स्कूल में देंगे अपनी सेवा
राज्य में जिन नव उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में आगामी 30 सितंबर तक कोई भी छात्र का नामांकन नहीं होगा तो उसे बंद करने पर शिक्षा विभाग विचार करेगा तथा वहां के अध्यापक कहीं और पदस्थापित किए जाएंगे हालांकि वर्तमान में ऐसे छात्र विभिन्न नव उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में भी सभी विषयों के अध्यापकों की पोस्टिंग होगी ताकि होगी ताकि छात्र नामांकन लेकर पढ़ाई शुरू कर सके अध्यापकों की पोस्टिंग के बाद इन नव उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में नामांकन के लिए 30 सितंबर तक प्रचार प्रसार का गहन अभियान चलाया जाए इससे संबंधित निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक द्वारा राज्य के सभी जिलों के जिला अधिकारियों को दिए गए हैं अपने निर्देश में अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने जिला अधिकारियों से कहा है कि नव उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या सुनने भी हो तो भी सभी विषयों के अध्यापक वहां भेजना चाहिए भाषणेते जिले में बिहार लोक सेवा आयोग से उतनी संख्या में अनुशंसा उपलब्ध
अध्यापकों की संख्या 10 से 15 हो सकती है यदि आपके पास बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित अध्यापक पर्याप्त संख्या में मौजूद हैं तो उन अध्यापकों को ऐसे विद्यालय में भेजें जहां नामांकन अभी शून्य है यह भी ध्यान रखना होगा की नवमी से दसवीं में एवं विशेष का 11वीं से 12वीं में यदि एक भी छात्र आते हैं तो उन्हें पढ़ने के लिए 5 से 7 अध्यापक अनिवार्य रूप से भेजना होगा ताकि उन्हें सम्मानित विषय का मौलिक ज्ञान दिया जा सके ऐसा इसलिए कि छात्रों ने वहां नामांकन इसलिए नहीं कराया कि वहां कोई अध्यापक थे ही नहीं इसलिए अब छात्रों के विद्यालय में नामांकन करने की प्रतीक्षा नहीं करें क्योंकि छात्र भी इसी बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि कब उनके गांव में नए खुले विद्यालयों में अध्यापक आएंगे
इसको चक्र को तोड़ने के लिए प्रमुख सचिव ने जिलाधिकारी को अधिकृत करते हुए कहा है कि ऐसे विद्यालयों में भी अध्यापक पदस्थापित करें जहां एक भी छात्र नामांकित नहीं है ऐसा करने के बाद अकादमी सत्र से 6 महीने तक प्रतीक्षा करें कि छात्र अब नामांकन कारण विभाग को आशा है कि वैसे ही छात्रों को पता चलेगा कि अब बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित अध्यापक पर्याप्त संख्या में उनके नजदीक के विद्यालय में आ गए हैं तो गरीब छात्र जो जिले के बाहर अथवा दूर के विद्यालय में आज नहीं सकते थे वे सब अपने पंचायत या मुख्यालय के विद्यालयों में नाम लिख पाएंगे इसके लिए इस बात का भी प्रचार प्रसार करना होगा कि इन उत्क्रमित विद्यालय में अब अध्यापक आ गए हैं इसके लिए संबंधित पंचायत के हर गांव में ग्राम सभा आयोजित की जाएगी और ग्रामीण वह अभिभावकों को बताया जाए कि उनके पंचायत मुख्यालय में खुले उच्च विद्यालय में पर्याप्त संख्या में बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित अध्यापक आ गए हैं इसके लिए तमाम प्रचार माध्यमों के साथ ही स्कूल कॉलेज कोचिंग संस्थानों में भी प्रचार प्रसार किया जाए यह अभियान 30 सितंबर तक चलाया जाए यदि 30 सितंबर तक कोई भी छात्र इन नो उत्क्रमित विश्वविद्यालय में नामांकन नहीं लेते हैं तो उसे उच्च विद्यालय को बंद करने पर विभाग विचार करेगा और वहां उपलब्ध अध्यापकों को कहीं और पदस्थापित किया जाएगा
इसके मध्य नजर पंचायत स्तरीय नो उत्क्रमित विद्यालय में भी अध्यापकों के पदस्थापन के प्रस्ताव जिला अधिकारियों से मांगे गए हैं जिलाधिकारी को यह निर्देश भी दिया गया है कि ऐसे विद्यालयों में अध्यापकों के पदस्थापन में विलंब ना करें जब तक कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के छात्र नामांकन में वृद्धि न हो तब तक यह अध्यापक मल मध्य विद्यालय में अध्यापन का कार्य करते रहेंगे