अब नियोजित शिक्षकों की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एक मात्र उमीद टिकी , के के पाठक ने सैकड़ों नियोजित शिक्षकों के खिलाफ शुरू की करवाई
अब नियोजित शिक्षकों की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एक मात्र उमीद टिकी , के के पाठक ने सैकड़ों नियोजित शिक्षकों के खिलाफ शुरू की करवाई
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश और अनुशंसा के खिलाफ लाखों नियोजित शिक्षक आन्दोलन कर रहे हैं और आन्दोलन भी कर रहे हैं.नीतीश सरकार में अभी-अभी शामिल हुए बीजेपी कोटे के डिप्टी सीएम नियोजित शिक्षकों की मांग के साथ होने का दावा करते हुए केके पाठक की अनुशंसा को लागू नहीं होने देने की बात कहे रहे हैं,वहीं नयी सरकार ने शिक्षा मंत्री बने विजय चौधरी इस मामले को लेकर बीजेपी की तरह जल्दीबाजी में किसी तरह का फैसला नहीं करने का संकेत दे रहे हैं.वहीं केके पाठक पहले की तरह ही सख्त आदेश निकाल रहे हैं.अब उन्होंने पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 500 से ज्यादा नियोजित शिक्षकों को नौकरी से निलंबित एवं बर्खास्त करने को कहा है.इन नियोजित शिक्षकों पर केके पाठक ने गंभीर आरोप लगाए हैं.
बीपीएससी की परीक्षा में फर्जी तरीका अपनाकर बहाल हुए नवनियुक्त शिक्षकों पर विभाग की कार्रवाई जारी है। जिले में ऐसे तीन और शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
इनके एसटीईटी प्रमाणपत्र में गड़बड़ी पाई गई है। इसके बाद विभाग के स्तर से बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है।
विदित हो कि बीपीएससी की ओर से पिछले वर्ष शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई। इसके आधार पर शिक्षकों की विभिन्न प्रखंडों में नियुक्ति की गई।
थंब इंप्रेशन से खुला राज…
विभाग को यह जानकारी मिली की किसी दूसरे को बिठाकर लोगों ने परीक्षा पास की है। साथ ही कई अन्य गलत तरीके अपनाए गए। इसके बाद सभी नवनियुक्त शिक्षकों के थंब इंप्रेशन की जांच की गई। जांच के लिए नहीं आने वाले चार शिक्षकों को पूर्व में बर्खास्त कर दिया गया। इसके साथ ही ऐसे शिक्षकों के प्रमाणपत्र की जांच भी की जा रही है।
एसटीईटी प्रमाणपत्र में गड़बड़ी
इस दौरान मुरौल, गायघाट, सरैया प्रखंड से एक-एक शिक्षक के एसटीईटी प्रमाणपत्र में गड़बड़ी पाई गई। इनका रिजल्ट शिक्षक भर्ती परीक्षा के बाद आया है। इस वजह से इन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। इसके अलावा मुरौल प्रखंड के शिक्षक शशिभूषण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई चल रही है।