बच्चों को होमवर्क देना पठान-पाटन की स्वाभाविक प्रक्रिया है :-,शिक्षा विभाग के एक्सपर्ट
शिक्षा :—बच्चों को होमवर्क देना पठान-पाटन की स्वाभाविक प्रक्रिया है :-शिक्षा विभाग के एक्सपर्ट ।उन्होंने कहा कि ये कोई नई बात नही है ये तो हमलोगों के जमाने के पहले से चलती आ रही हैं । यह बहुत अच्छी चीज है इससे बच्चों में शत प्रतिशत सुधार होती हैं ।
प्रतिदिन पढ़ाई जाने वाले विषय और पाठ से दिया जाता है बच्चों को होमवर्क
शिक्षा विभाग के लिए फरमान में विद्यार्थियों को प्रतिदिन होमवर्क देने और साथ ही छात्र एवं छात्राएं होमवर्क पूरा करके आ रहे हैं कि नहीं इसकी नियमित रूप से जांच करने का भी निर्देश प्राइमरी से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रबंधन को दिया गया है
हालांकि विद्यालय प्रबंधन इस नए निर्देश नहीं मान रहे हैं उनका कहना है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली को आगे बढ़ाने के लिए सामान्य पठन-पाठन की स्वाभाविक प्रक्रिया है सभी वर्गों के बच्चों को होमवर्क देना साथी अगले दिन इसकी जनता से जांच करना भी की बच्चे इस होमवर्क को कितना पूरा किए हैं और नहीं किया तो संबंधित सवाल को हल करने में वह सक्षम नहीं थे या फिर उन्होंने होमवर्क को करना जरूरी नहीं समझा
प्रत्येक वर्क होमवर्क पहले से ही दिया जाता है वही मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापक ने बताया कि प्रत्येक वर्क होमवर्क पहले से ही दिया जाता है उस दिन जो पाठ बच्चों को पढ़ाया गए होते हैं उसी में से सवाल दिया जाता है ।
प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक ने इस बाबत जानकारी दी कि विद्यार्थियों को प्रतिदिन होमवर्क देने का फरमान कोई नई बात नहीं है ।
जो बच्चे होमवर्क करके नहीं आते हैं उनके बारे में अभिभावक गोष्ठी में संबंधित अभिभावक को इसकी जानकारी दी जाती है ।
अभिभावक गोष्ठी का उद्देश्य ही क्लास रूम से लेकर स्कूल आने जाने तक की गतिविधियों से बच्चों को अभिभावकों को अवगत कराना होता है साथ ही जो कमी होती है । उसे कैसे पूरा किया जाए इसके लिए आगामी कार्य योजना के अनुसार मिलकर कार्य करना है वही अभिभावा के ने बताया कि बड़े क्लास के बच्चे खुद संध्या की पढ़ाई शुरू करते ही होमवर्क सबसे पहले बनाते हैं
होमवर्क करने की प्रवृत्ति विकसित करने पर बाल
अभिभावक गोष्ठी में भी अभिभावक को बताया जाता है कि बच्चे होमवर्क करें और जो नहीं कर रहे हैं उनमें होमवर्क करने की प्रवृत्ति कैसे डेवलप की जाए इस पर ध्यान केंद्रित किया जाता है ।
शहर के प्राचार्य ने बताया कि पूर्व से ही बच्चों को होमवर्क दिया जाता है वर्ग में उसे तिथि को पढ़ाया गए और पिछले तिथि को पढ़ाए गए पाठ के सवालों को ही होमवर्क के रूप में दिया जाता है ।
विद्यालय के सभी बच्चे नियमित रूप से इसका पालन भी कर रहे हैं किसी कारणवश कोई छात्र होमवर्क नहीं करती आता है तो अगले दिन इसकी जनता से जांच करते हुए अगले दिन इसे हर हाल में पूरा करके आने के लिए निर्देशित किया जाता है ।
वही एक शिक्षक ने बताया कि उच्च वर्ग में पढ़ाए गए पाठ का रिवीजन खासकर कराए जाते हैं अगले दिन इसे पूरा करके आने का निर्देश भी बच्चों को दिया जाता है इसका पालन हर हाल में हो इसलिए शक्ति भी कई बार बरतनी पड़ती है