कॉउंसलिंग केंद्र पर प्रतिनियुक्त कर्मचारी कर रहे है मनमानी, इससे शिक्षकों को कॉउंसलिंग कराने मे हो रही है काफ़ी समस्या
कॉउंसलिंग केंद्र पर प्रतिनियुक्त कर्मचारी कर रहे है मनमानी, इससे शिक्षकों को कॉउंसलिंग कराने मे हो रही है काफ़ी समस्या
साक्षमता 5 शिक्षकों की जांच में मनमानी कर रहे हैं काउंसलिंग केंद्र पर प्रतिनियुक्ति कर्मचारी
. शिक्षा विभाग का कामकाज इन दिनों विवादों के घेरे में आ रहा है आईसीसी में साक्षमता पर शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच में जांच अधिकारी प्रावधान वह दिए गए निर्देश के विपरीत अपने मन की कर रहे हैं जिससे शिक्षकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है
शनिवार को शिक्षकों ने बताया कि जांच करने वाले जिला कार्यक्रम पदाधिकारी घंटे अपने सामने शिक्षकों को खड़ा करवाए हुए रहते हैं शिक्षकों से पढ़ाई में हुए व्यक्ति को लेकर सवाल पूछ रहे हैं कहा जाता है कि यह का कारण क्या रहा है उसे लिखित रूप में दिन पहले सीसी डेट व स्टेट करने वालों से पूछा जा रहा है कि पहले इसे क्यों पास किया पहले ट्रेनिंग क्यों नहीं कि इस कारण को बताते हुए आवेदन लिया जा रहा है नाम में हिंदी और अंग्रेजी में सभी डॉक्यूमेंट और आधार कार्ड पर समान होने के बाद भी पूछा जा रहा है कि उन्होंने नाम की स्पेलिंग ऐसा क्यों रखा है ऐसे 100 से अधिक शिक्षकों को प्रताड़ित करते हुए इन जांच करने वाले जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा आवेदन लिखवाया गया है
सभी पर जिला शिक्षा पदाधिकारी को रेफर लिखा गया है सभी पर प्रोविजनल स्वीकृति लिखा गया है कुछ शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच के बाद ऑनलाइन प्राप्त रिपोर्ट पर उनके द्वारा संदेश भी अंकित कर दिया गया है
अधिकारियों में भी है नाराजगी इस बात को लेकर
इन अधिकारियों की कर शैली से जिले के नोडल अधिकारी व प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी भी त्रस्त हैं उनके द्वारा सख्त निर्देश के बाद भी जांच करने वाले जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं जैसे शिक्षकों में कभी भी आक्रोश भड़क सकता है जो जिले भर के लिए प्रशासनिक परेशानियों का कारण बन सकता है इसकी प्रबल आशंका है
नोडल अधिकारी विमलेश चौधरी ने बताया कि जानबूझकर यह स्थिति पैदा किया जा रहा है
इस संबंध मैं मधुबनी के जिला शिक्षा पदाधिकारी जावेद आलम से हमारे संवाददाता ने बात की इस मुद्दे पर जिला शिक्षा पदाधिकारी मधुबनी जावेद आलम ने बताया कि साक्षमता जांच के दौरान हो रही समस्याओं से वर्ग अधिकारियों को अवगत कराया गया है सभी को शक आवश्यक किया जाएगा विभागीय प्रावधान वगैरा लाइन के इधर-उधर की कुछ भी हो रहा है तो उसके खिलाफ सब कार्रवाई के अनुशंसा विभाग को की जाएगी
यह है विभागीय प्रावधान
विभागीय प्रावधान के अनुसार शिक्षक को पर पर प्राप्त एसएमएस के अनुसार प्रवेश देना है उन शिक्षकों को स्टॉल के अनुसार उनके द्वारा परीक्षा के दौरान अपलोड किए गए प्रमाण पत्र से उनके द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे हैं मूल प्रमाण पत्रों से मिलान किया जाना है मिलन के दौरान सभी के लिए कलम निश्चित है उसमें ही ऑनलाइन या उन कमेंट प्राप्त हो जाता है लेकिन जांच करने वाले डीपीओ इससे इधर अपना कमेंट इस पर दर्ज करते रहे हैं सवाल यह उठ रहा है कि यह सभी शिक्षक वर्षों से विभाग से वेतन प्राप्त कर रहे हैं अब इस तरह के सवाल उठाकर जांच करने वाले डीपीओ ने खुद विभाग के अब तक के निर्णय पर सवाल खड़ा कर दिया है इन्हें अब तक वेतन का भुगतान करने वाले अधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर दिया गया है