बिहार में वेतन संकट: 8 लाख कर्मचारियों की सैलरी अटकी


बिहार में वेतन संकट: 8 लाख कर्मचारियों की सैलरी अटकी
बिहार में पिछले 2 महीने से सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में लगभग 8 लाख सरकारी कर्मचारियों का वेतन पिछले दो महीने से अटका हुआ है।
इस वेतन संकट का मुख्य कारण बिहार सरकार द्वारा जनवरी 2025 में लॉन्च किया गया CFMS 2.0 सॉफ़्टवेयर है, जिसका उद्देश्य वित्तीय प्रबंधन को पारदर्शी, डिजिटल और अधिक प्रभावी बनाना था। लेकिन इस सिस्टम की तकनीकी खामियों और डेटा माइग्रेशन समस्याओं ने लाखों कर्मचारियों की जिंदगी में असुविधा उत्पन्न कर दी है।
CFMS 2.0 का उद्देश्य और इसकी चुनौतियां
CFMS 2.0 का उद्देश्य राज्य सरकार के खर्च, आय, और संपत्तियों का बेहतर और अधिक पारदर्शी तरीके से प्रबंधन करना था। यह पुराने वित्तीय प्रबंधन सिस्टम की जगह लाया गया था, जिसे अबतक बिहार सरकार का वित्तीय डेटा हैंडल करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। इस नये सिस्टम के माध्यम से सरकार ने वित्तीय प्रक्रियाओं को स्वचालित करने, खर्चों की निगरानी करने, और करदाताओं के पैसों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने की योजना बनाई थी।
लेकिन जब इस सिस्टम को लागू किया गया, तो कई तकनीकी समस्याएं सामने आईं। सबसे बड़ी समस्या डेटा माइग्रेशन की थी, जिसके कारण पुराने सिस्टम से नए सिस्टम में डेटा का सही तरीके से स्थानांतरण नहीं हो पाया। इसके परिणामस्वरूप वेतन और अन्य भुगतान प्रक्रिया में रुकावट आई। दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 के वेतन के साथ-साथ सरकारी विभागों से संबंधित बिल भी अटक गए हैं।
कौन-कौन प्रभावित हुआ?
इस तकनीकी संकट का प्रभाव बिहार राज्य के विभिन्न सरकारी कर्मचारियों पर पड़ा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मंत्री, विधायक, शिक्षक, संविदा कर्मी, और क्षेत्रीय कर्मचारी सहित लगभग 8 लाख सरकारी कर्मचारी प्रभावित हुए हैं। इनमें से 3 लाख क्षेत्रीय कर्मचारी, 5 लाख शिक्षक और 50 हजार संविदा कर्मी शामिल हैं। इन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने से उनके दैनिक जीवन पर बुरा असर पड़ा है। कई कर्मचारियों को अपने घर के खर्चों को पूरा करने के लिए उधार लेना पड़ रहा है, और उनका घरेलू बजट बुरी तरह से प्रभावित हो गया है।
कब तक समाधान की उम्मीद
वित्त विभाग और तकनीकी विशेषज्ञ अब इस समस्या को हल करने में जुटे हैं। सरकार ने आश्वासन दिया है कि सिस्टम अपग्रेड और डेटा माइग्रेशन की प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी, जिसके बाद वेतन और अन्य बिल भुगतान का कार्य सुचारू रूप से शुरू हो जाएगा। सरकार का कहना है कि CFMS 2.0 के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा दिया जाएगा, लेकिन फिलहाल इसकी तकनीकी समस्याएं कर्मचारियों के लिए बड़ी बाधा बन गई हैं।