आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले BPSC व विशिष्ट शिक्षकों के मूल वेतन मे होंगी बढ़ोतरी, CM के निर्देश पर शिक्षा विभाग व वित्त विभाग मे विचार विमर्श हुआ शुरू


आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले BPSC व विशिष्ट शिक्षकों के मूल वेतन मे होंगी बढ़ोतरी, CM के निर्देश पर शिक्षा विभाग व वित्त विभाग मे विचार विमर्श हुआ शुरू
नीतीश सरकार ने BPSC व विशिष्ट शिक्षकों के लिए खोल दिया पिटारा, चुनाव से पहले शिक्षकों के मूल वेतन मे होंगी, बढ़ोतरी, नवनियुक्त शिक्षकों को मेडिकल व मातृत्व अवकाश देने की हुई घोषणा
यह कदम प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए उठाया गया है। इसके साथ ही, महिला शिक्षकों के लिए मातृत्व अवकाश की सुविधा को भी लागू किया गया है
बिहार मे होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए नीतीश सरकार ने बिहार के शिक्षकों के लिए अपना पिटारा खोल दिया है, सरकार ने नवनियुक्त शिक्षकों को मेडिकल व मातृत्व अवकाश देने की घोषणा कर दी है
नीतीश सरकार ने सभी BPSC TRE 3 द्वारा नियुक्त सभी शिक्षकों को 1 मई 2025 तक स्कुल आवंतन की घोषणा की है साथ ही 3 मई से अपने अपने स्कुल मे योगदान की तारीख भी घोषित कर दी है
BPSC व विशिष्ट शिक्षकों की मूल वेतन बढ़ोतरी की मांग पर भी सरकार ने विचार किया है नीतीश सरकार आगनी विधानसभा चुनाव से पहले इन शिक्षकों के मूल वेतन मे बढ़ोतरी करेगी इस काम शुरू कर दिया गया है, मुख्यमंत्री ने इस संबंध मे अधिकारियो को आदेश दे दिया है
बिहार के सरकारी स्कूलों में 51,389 शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। ये शिक्षक 5 मई 2025 से छात्रों को पढ़ाना शुरू करेंगे। इस तैनाती के बाद, बिहार के 81,000 सरकारी स्कूलों में कुल 5,65,427 शिक्षक कार्यरत होंगे, जिससे औसतन प्रत्येक स्कूल में 7 शिक्षक उपलब्ध होंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शनिवार को बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा नियुक्त इन शिक्षकों को अन्य शिक्षकों की तरह ही चिकित्सा अवकाश (मेडिकल लीव) और मातृत्व अवकाश की सुविधा प्रदान की जाएगी।
यह तैनाती बिहार के प्राथमिक, मिडिल, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए की जा रही है। बिहार लोक सेवा आयोग ने शिक्षक भर्ती परीक्षा के विभिन्न चरणों के माध्यम से इन शिक्षकों का चयन किया है।
चयन और तैनाती का विवरण:
TRE-1: 1,20,336 शिक्षक
TRE-2: 94,833 शिक्षक
TRE-3: 51,389 शिक्षक
हेडमास्टर: 42,918
कुल मिलाकर, ये नियुक्तियाँ बिहार के 81,000 सरकारी स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात को बेहतर करेंगी। प्रत्येक स्कूल में औसतन 7 शिक्षकों की उपलब्धता से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
शिक्षकों को उनके गृह जिले या नजदीकी क्षेत्रों में प्राथमिकता दी जाएगी। जिला स्तर पर काउंसलिंग और दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है।
नवनियुक्त शिक्षक 5 मई 2025 से स्कूलों में पढ़ाना शुरू करेंगे। इससे स्कूलों में नियमित कक्षाएँ सुचारू रूप से चलेंगी और बच्चों को निर्बाध शिक्षा मिलेगी। शिक्षा विभाग ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि नए शिक्षकों के लिए आवश्यक संसाधन और सहायता प्रदान की जाए, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से निभा सकें।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि BPSC द्वारा नियुक्त शिक्षकों को अन्य सरकारी शिक्षकों की तरह ही सभी लाभ प्रदान किए जाएंगे। इसमें शामिल हैं:
चिकित्सा अवकाश : शिक्षकों को स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं के लिए वेतन सहित अवकाश की सुविधा मिलेगी। यह सुविधा शिक्षकों को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद करेगी।
पहले दो बच्चों के लिए 26 सप्ताह (182 दिन) का पूर्ण वेतन के साथ मातृत्व अवकाश।दो से अधिक बच्चों के लिए 12 सप्ताह का अवकाश।गर्भपात या गर्भस्राव के मामलों में 6 सप्ताह (42 दिन) का अवकाश, जिसके लिए चिकित्सकीय प्रमाण पत्र आवश्यक है।गोद लेने वाली माताओं के लिए 12 सप्ताह का अवकाश।मातृत्व और चिकित्सा अवकाश के लिए शिक्षकों को E-Shiksha Kosh पोर्टल पर आवेदन करना होगा, जिसमें आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि इस तैनाती से न केवल शिक्षक-छात्र अनुपात में सुधार होगा, बल्कि स्कूलों में डिजिटल और समावेशी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।नए शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण तकनीकों, डिजिटल उपकरणों और समावेशी शिक्षा के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
5,65,427 शिक्षकों की मौजूदगी से बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर ऊँचा होगा। औसतन 7 शिक्षक प्रति स्कूल की उपलब्धता से कक्षाएँ नियमित और प्रभावी होंगी।2-3 मई 2025 को बिहार के सरकारी स्कूलों में 51,389 शिक्षकों की तैनाती और 5 मई से पढ़ाई शुरू होने से राज्य की शिक्षा व्यवस्था में एक नया अध्याय जुड़ेगा। चिकित्सा और मातृत्व अवकाश जैसी सुविधाएँ शिक्षकों के कल्याण को सुनिश्चित करेंगी।
