चार लाख नियोजित संविदा कर्मियों के वेतन में होगी बढ़ोतरी , विकास आयुक्त की अध्यक्षता में कमिटी गठित , कमिटी को जल्द से जल्द रिपोर्ट देने का दिया निर्देश
Honorarium of Contract Workers In Bihar: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगभग चार लाख संविदा कर्मियों को नव वर्ष में तोहफा देने के लिए एक कमेटी का गठन क्या है इस कमेटी को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह बिहार में विभिन्न विभागों में पदस्थापित चार लाख संविदा कर्मियों के वेतन की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करें यदि उनके वेतन में बढ़ोतरी करनी है तो वह अपनी प्रस्तावना कमेटी के माध्यम से सरकार को दे इससे नियोजित संविदा कर्मियों को फायदा होगा जो सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं
बिहार में संविदा कर्मियों के लिए खुशखबरी है. जल्द ही राज्य सरकार चार लाख संविदा कर्मियों का मानदेय बढ़ा सकती है. इसके लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में कमिटी गठित की गई है.
पटना: लोकसभा चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी तरह की कमी को नहीं रखना चाहते हैं अब नीतीश कुमार का ध्यान बिहार में विभिन्न विभागों में कार्यरत चार लाख संविदा कर्मियों के वेतन पर है मुख्यमंत्री चाहते हैं कि आगामी चुनाव से पहले बिहार के चार लाख नियोजित संविदा कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी कर उन्हें सम्मानजनक वेतन दिया जाए इसके लिए उन्होंने विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया है इस कमेटी को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द वह अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप
बिहार में चार लाख संविदा कर्मियों का मानदेय बढ़ेगा. बिहार सरकार की ओर से संविदा पर नियुक्त कर्मियों के मानदेय बढ़ाने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है. इसके सदस्य संविदाकर्मी वाले सभी संबंधित विभाग के प्रधान सचिव या सचिव होंगे. इसमें सामान्य प्रशासन विभाग एवं वित्त विभाग के प्रधान सचिव या सचिव इसके सदस्य बनाए गए हैं. समिति के सुझाव पर ही नीतीश सरकार मानदेय बढ़ाने का फैसला लेगी. ऐसे में चार लाख से अधिक संविदा कर्मियों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है.
विकास आयुक्त की अध्यक्षता में कमिटी गठित:
विकास आयुक्त की कमेटी को सरकार ने जल्द से जल्द नियोजित संविदा कर्मियों के वेतन भी संगति के प्रस्ताव पर काम करने का आदेश दिया है और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है
विभिन्न विभागों में नियोजित संविदा कर्मियों की ओर से लगातार मानदेय बढ़ाने की मांग होती रही है. अब राज्य सरकार ने भी माना है कि नियोजित कर्मियों को जो मानदेय दिया जा रहा है, वह उचित नहीं है. इसीलिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता वाली समिति के सामने सभी विभागों से राय ली जाएगी.
कमिटी दो बिंदुओं पर मानदेय का निर्धारण करेगी:
सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव बी राजेंद्र ने सभी डीएम, सभी विभागों के सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्त को पत्र लिखकर इससे संबंधित सूचना दी है. नीतीश सरकार की ओर से जो कमेटी बनाई गई है, वह दो बिंदुओं पर मानदेय का निर्धारण करेगी. पहले बिंदु बाजार दर होगा तो वहीं दूसरा प्रारंभिक स्तर पर वेतन महंगाई भत्ता और अन्य भत्तों को मिलाकर समेकित रूप से प्राप्त मानदेय होगा.
2022 में सेवा पुस्तिका बनाने का भी निर्णय:
बिहार सरकार की ओर से 2022 में संविदा कर्मियों की सेवा पुस्तिका बनाने का भी निर्णय हुआ था. पुस्तिका में संविदा कर्मियों की तमाम जानकारी शामिल किए जाने का निर्णय लिया गया था, जिसमें नियोजन की तारीख से लेकर अवकाश तक की जानकारी दी गई थी. अब इसे हर 5 साल पर अपडेट करने का भी निर्णय लिया गया है. स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, पीएचईडी सहित कई विभागों में बड़ी संख्या में संविदा कर्मी काम कर रहे हैं. इनकी संख्या चार लाख से अधिक है.
चार लाख संविदा कर्मियों को होगा फायदा:
कई विभागों में नियुक्त संविदा कर्मियों की तरफ से लगातार आंदोलन भी होता रहा है. अपनी सेवा स्थाई करने की मांग भी करते रहे हैं. ऐसे में नीतीश सरकार के फैसले से संविदा कर्मियों को आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिल सकती है.