अब लगभग 13 हजार शिक्षकों की वेतन की कटौती कर चुकी हैं शिक्षा विभाग
Case of salary cut of teachers : बिहार सरकार पिछले 6 महीना में विद्यालय से अनुपस्थित पाए गए लगभग 13000 शिक्षकों का वेतन की कटौती कर चुकी है यह आंकड़ा पिछले 6 मा का है शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई को विभाग बड़ी उपलब्धि मान रही है विभाग का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या पर शिक्षकों पर कार्रवाई होने के कारण अब बिहार के शिक्षक अपने-अपने विद्यालय में समय से उपस्थित हो रहे हैं साथ ही शिक्षक अब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी दे रहे हैं शिक्षा विभाग द्वारा की गई कार्रवाई से शिक्षकों के विद्यालय आगमन में काफी हद तक सुधार हुआ है ।
बिहार शिक्षा विभाग ने स्कूलों के निरीक्षण के दौरान पिछले 6 महीने में ड्यूटी पर अनुपस्थित पाए गए 12987 शिक्षकों के वेतन में कटौती की। 131 अन्य शिक्षकों के वेतन में कटौती के लिए भी सिफारिशें की गई हैं।
इसके अलावा स्कूल शिक्षक भर्ती नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए पिछले 6 महीने में 13 शिक्षकों को बर्खास्त भी किया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विभाग ने पिछले छह महीने में विभिन्न शिक्षा नियमों के उल्लंघन के लिए 39 अन्य शिक्षकों को निलंबित किया जबकि 13 शिक्षकों को बिना मंजूरी के छह महीने से दो साल तक की अवधि के दौरान ड्यूटी पर कथित रूप से अनुपस्थित रहने और शिक्षकों की भर्ती नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने के चलते सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
विभाग के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने के अनुरोध पर बताया, पिछले छह महीने (23 दिसंबर तक) में विभाग ने बिना सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के ड्यूटी पर अनुपस्थित (छह महीने से दो साल की अवधि में) पाए गए 12,987 शिक्षकों के वेतन में कटौती की है। उन्होंने बताया, 131 अन्य शिक्षकों के वेतन में कटौती के लिए भी सिफारिशें की गई हैं।
इसके अलावा बिहार स्कूल शिक्षक भर्ती नियमों के प्रावधानों के कथित उल्लंघन के लिए पिछले छह महीने में 13 शिक्षकों को बर्खास्त भी किया गया है। राज्य का शिक्षा विभाग शिक्षकों को लेकर हाल ही में जारी किए गए अपने परिपत्र को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहा है।
बिहार में राजभवन ने 26 दिसंबर को राज्य के मुख्य सचिव को एक औपचारिक संदेश भेजकर हाल ही में शिक्षा विभाग की उच्च शिक्षा शाखा द्वारा पारित असंवैधानिक और निरंकुश आदेश के खिलाफ तुरंत सुधारात्मक उपाय लागू करने को कहा है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विभाग द्वारा इस तरह के आदेश पारित करना राज्य में शैक्षणिक माहौल को ध्वस्त करने जैसा प्रतीत होता है।
बिहार में महागठबंधन सरकार के दोनों सहयोगी दलों के साथ-साथ विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने परिपत्र को तुरंत वापस लेने की मांग की है। राज्य के शिक्षा विभाग ने प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई कड़े उपाय किए हैं।