1 अक्टूबर से बदल जाएगी शिक्षकों के वेतन का सिस्टम, 1 तारीख से लागु होगा वेतन का नया नियम, नए नियम मे सैलरी मिलने मे नहीं होंगी देरी, विभाग जुटी है तैयारी मे 

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1 अक्टूबर से बदल जाएगी शिक्षकों के वेतन का सिस्टम, 1 तारीख से लागु होगा वेतन का नया नियम, नए नियम मे सैलरी मिलने मे नहीं होंगी देरी, विभाग जुटी है तैयारी मे 

 

 

बिहार के सभी 81,223 सरकारी विद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थिति बनाना अनिवार्य कर दिया है। एक अक्टूबर से शिक्षकों को वेतन ऑनलाइन उपस्थिति के आधार पर भुगतान होगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन उपस्थिति नहीं बनाने वाले शिक्षकों को आगाह किया है।

बुधवार को विभाग ने स्पष्ट किया कि राज्य में 92 प्रतिशत शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन ऑनलाइन उपस्थिति ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर बनायी जा रही है। सिर्फ आठ प्रतिशत ही ऐसे शिक्षक हैं जो ऑनलाइन उपस्थिति नहीं बना रहे हैं। ऐसे शिक्षकों को हर हाल में ऑनलाइन उपस्थिति बनाना होगा, क्योंकि एक अक्टूबर से ऑनलाइन उपस्थिति के आधार पर ही वेतन मिलेगा।

विगत 25 जून से ही सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मियों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति लागू है। शिक्षा विभाग के मुताबिक, राज्य में 71 हजार 863 प्रारंभिक विद्यालय हैं। साथ ही 9 हजार 360 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय है। इन विद्यालयों में शिक्षकों की शत-प्रतिशत ऑनलाइन उपस्थिति होने लगेगी तब छात्र-छात्राओं की भी उपस्थिति ली जाएगी। यह व्यवस्था दिसंबर से लागू करने की तैयारी है।

विभागीय अधिकारी ने दी जानकारी

विभागीय अधिकारी ने बताया कि अच्छी बात यह है कि सरकारी विद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थिति बनाने वाले शिक्षकों का प्रतिशत निरंतर बढ़ रहा है, लेकिन अब भी आठ प्रतिशत शिक्षक मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति नहीं बना रहे हैं। इसके बारे में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दियाा-निर्देश जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि शत-प्रतिशत शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति बनाना सुनिश्चित कराएं।

विभाग द्वारा सभी जिलों में ऑनलाइन उपस्थिति की मॉनिटरिंग की जा रही है। सभी सरकारी विद्यालयों में पांच लाख 52 हजार 570 शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें चार लाख 78 हजार शिक्षक प्रतिदिन ऑनलाइन उपस्थिति बना रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे 334 विद्यालय हैं जहां के एक भी शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति नहीं बना रहे हैं। इंटरनेट सेवा जिन विद्यालयों के पास बाधित रहती है, वहां के शिक्षक अपने मोबाइल पर लाग-इन पहले ही कर लेंगे। अगर पोर्टल पर पहले से लाग-इन रहेगा तो विद्यालय के पास पहुंचने के बाद भी आनलाइन उपस्थिति बनाने में समस्या नहीं होगी।

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