बिहार के बच्चे किताब पढ़ने में राष्ट्रीय औसत से आगे:- NCERT

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बिहार के बच्चे किताब पढ़ने में राष्ट्रीय औसत से आगे , एनसीईआरटी ने फाउंडेशन लर्निंग स्टडी की रिपोर्ट की जारी

विद्यालय में पाठ पुस्तक के पठन-पाठन में बिहार के छात्र राष्ट्रीय औसत से आगे हैं इस मामले में जहां राष्ट्रीय औसत एकादशी है तो वही कक्षा तीन में सुबह के 83 और पांचवी में 85 फ़ीसदी है बिहार के सरकारी स्कूलों के बच्चों की पढ़ने की क्षमता कई राज्यों के मुकाबले बेहतर है एनसीईआरटी के फाउंडेशन लर्निंग स्टडी की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है रिपोर्ट के अनुसार कक्षा 3 से पांचवी तक के बच्चों में पाठ पुस्तक को पढ़ने के दिलचस्पी भी बड़ी है

बता दे की नई शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद एनसीईआरटी में पहली बार प्राथमिक स्कूल के छात्रों के बीच फाउंडेशन लर्निंग स्टडी पर सर्वे किया है सर्वे में देश के सभी राज्यों के सरकारी स्कूलों के तीन से पांचवी के विद्यार्थियों को शामिल किया गया था 40 लाख छात्र सर्वे में शामिल हुए थे जुलाई में हुए सर्वे की रिपोर्ट सितंबर के तीसरे सप्ताह में जारी की गई है इंदौर गेम में बच्चे राष्ट्रीय औसत के करीब है जहां खेलने में बिहार के 90% कर रहे हैं इसमें राष्ट्रीय स्तर पर 93 फ़ीसदी है 8 और क्राफ्ट में राष्ट्रीय औसत पहचान 90 है सुबह के 85 फ़ीसदी छात्र बेहतर कर रहे हैं

40 लाख छात्र छात्राओं को सर्वे में किया गया था शामिल

बिहार के सरकारी स्कूल के छात्र राष्ट्रीय औसत से तीन फ़ीसदी में आगे

3 माह तक पढ़ने का अभ्यास कार्यक्रम विभाग ने चलाया था

सर्वे रिपोर्ट में निकली है सारी मुख्य बातें निम्नलिखित है

नंबर 1 पाठ्य पुस्तक को अच्छे से समझ कर पढ़ पाते हैं बच्चे नंबर दो अक्षरों की पहचान अब 85 फ़ीसदी बच्चे कर पाते हैं नंबर 3 हर विषय की किताब की अध्याय की पहचान कर पाते हैं नंबर चार अभ्यास में दिए गए सवाल का जवाब अध्याय में खुद बच्चे ढूंढ लेते हैं नंबर पांच स्कूल में बेकार सामान से कई मॉडल तैयार कर लेते हैं बच्चे नंबर 6 चेतना सत्र में गतिविधि के अनुसार प्रार्थना में शामिल होते हैं बच्चे

इस संबंध में एनसीईआरटी के निदेशक इंद्राणी भाटोदी ने कहा कि फाउंडेशन लर्निंग स्टडी की रिपोर्ट जारी की गई है सर्वे में देश भर के सरकारी स्कूलों के तीन से पांचवी कक्षा प्रत्येक छात्रों को शामिल किया गया था बिहार के बच्चे कई चीजों में राष्ट्रीय औसत से ऊपर या उसके करीब हैं।

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