नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, इन संविदा कर्मियों को अब मिलेगा 30 हजार रु प्रतिमाह, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया एलान
नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, इन संविदा कर्मियों को अब मिलेगा 30 हजार रु प्रतिमाह, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया एलान
बिहार में नौकरी करने वाले संविदाकर्मियों के लिए एक बड़ी खबर आ रही हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बिहार सरकार ने राज्य में संविदा पर नियुक्त चुनिंदा कर्मचारियों का वेतन पुनर्निर्धारित किया है।
इसमें मुख्य रूप से आशुलिपिक और निम्नवर्गीय लिपिक शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, पैक्स (पैक्स – प्राइमरी कृषि साख सहकारी समितियां) के कर्मियों के मानदेय और भत्ते के मामले में भी एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
खबर के अनुसार राज्य सरकार ने इसके लिए एक नई पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जो पैक्सों में समान मानदेय और भत्ते की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। यह कदम राज्य सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्य परिस्थितियाँ और उचित वेतन सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम पहल मानी जा रही है।
संविदा पर बहाल कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि
गुरुवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने एक अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि अब संविदा पर बहाल आशुलिपिक को 30,000 रुपये प्रति माह और निम्नवर्गीय लिपिक को 25,000 रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा। यह वेतन वृद्धि सरकारी कर्मचारियों की कार्यक्षमता और समर्पण को मान्यता देने के उद्देश्य से की गई है। विभाग ने इस बाबत सभी विभागीय अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस आदेश का पालन सुनिश्चित करें।
पैक्स कर्मियों के मानदेय और भत्ते पर महत्वपूर्ण निर्णय
पैक्स के कर्मियों के मानदेय और भत्ते के मुद्दे पर सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने गुरुवार को एक बैठक बुलाकर इसके स्थायी समाधान की दिशा में कदम उठाए। उन्होंने कहा कि पैक्स कर्मियों को उनके कार्य के बदले उचित वेतन, मानदेय और भत्ता मिलना चाहिए, जो उनका अधिकार है। मंत्री ने कहा कि एक व्यवस्थित और समर्पित कर्मी ही किसी भी सहकारी संस्थान को सफल बना सकता है, इसलिए यह जरूरी है कि सहकारी संस्थाएं इस दिशा में तत्परता दिखाएं और कर्मियों की उचित मांगों को पूरा करें।
डॉ. प्रेम कुमार ने बैठक में कार्मिक नियमावली का अध्ययन करने और इसे अधिनियम के अनुरूप मानदेय और भत्ते की योजना बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर सहकारी संस्थाओं को कर्मियों के मानदेय और भत्ते का भुगतान करने में कोई समस्या आ रही है, तो विभाग इसका समाधान निकालने के लिए जिम्मेदार है।