भृष्टाचार के आरोप में 8 शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों को कोर्ट ने गैर जमानती वारेंट व कुर्की जब्ती का आदेश किया जारी
बिहार :– भृष्टाचार के आरोप में 8 शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों को कोर्ट ने गैर जमानती वारेंट व कुर्की जब्ती का आदेश किया जारी
इस संदर्भ में शिक्षा विभाग में उच्च स्तरीय विमर्श चल रहा है सूत्रों के अनुसार सोमवार की सुनवाई में शिक्षा विभाग ने तकनीकी वजह से अपनी संप को वापस ले लिया है शिक्षा विभाग के आठ अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर जमानती वारंट वह कुर्की जपती का आदेश हुआ जारी
निगरानी के विशेष जज मोहम्मद रुस्तम की अदालत मैं 1999 के एक पुराने मामले में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े आठ तत्कालीन पदाधिकारी को गिरफ्तार करने के वारंट के साथ-साथ संबंधियों की कुर्की जपती का आदेश निर्गत किया है उक्त मामला लगभग 22 वर्षों से उपस्थित पर चल रहा है।
निगरानी के विशेष लोक अभियोजक डॉक्टर श्रद्धानंद पासवान के निवेदन पर विशेष कोर्ट ने उक्त कदम उठाया है विशेष कोर्ट ने जिन तत्कालीन पदाधिकारी के खिलाफ उक्त वारंट निर्गत किया है उनमें संयुक्त सचिव रानू मुस्लिम जामिया बहेड़ा दरभंगा के सम सर्वर इमाम तत्कालीन क्षेत्र निदेशक नेशनल काउंसिल टीचर एजुकेशन एवं पूर्व क्षेत्र संगठन भुवनेश्वर के डॉक्टर मिश्रा राजकीय महाविद्यालय तुर्की मुजफ्फरपुर के प्राचार्य राम जी सिंह सम करीब कॉलेज आफ एजुकेशन बहरा दरभंगा के सचिव प्रबंधन मोहम्मद आफाक अहमद रऊफ मुस्लिम जामिया बहेरी दरभंगा के सदस्य संजीव सैफी सम शरीफ कॉलेज के सदस्य ए मोहम्मद ।
राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय समस्तीपुर व्याख्याता मीनाक्षी सिन्हा गौरव मुस्लिम जामिया बड़ा के कोषाध्यक्ष मोहम्मद तक सुशील कैसी शामिल है निगरानी ने उक्त मामला तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री जीतन राम मांझी समेत 32 लोगों के खिलाफ 3 अगस्त 1999 को मामला दर्ज कर अनुसंधान किया था जांच के बाद निगरानी ने 10 लोगों के खिलाफ 8 अगस्त 2008 को आरोप पत्र दाखिल किया था निगरानी ने अपने अनुसंधान के बाद पाया कि अभी भी अभियुक्त होने वापसी साड़ियां करके अपने पद का भ्रष्ट दुरुपयोग कर विभिन्न महाविद्यालय को B.Ed की पढ़ाई का मान्यता दिल कर राज्य व राज्य के बाहर लगभग 500 छात्रों से डोनेशन लेकर डिग्री जिला कर सारे नियमों को दरकिनार करके उल्लंघन का आरोप लगाया था वर्तमान में आठ अभी भी अभियुक्तों की उपस्थिति के लिए मामला लंबित है अभी युक्त में वर्ष 1998 और 99 1999 के बीच उच्च मामलों को अंजाम दिया था
मामला 500 छात्रों को बा डिग्री व कॉलेज को फर्जी तरीके से मान्यता देने का