सरकारी स्कूल में रसोइया भर्ती का बदला नियम, अब इस सर्टिफिकेट के बिना नहीं होगा रसोईयों का चयन

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सरकारी स्कूल में रसोइया भर्ती का बदला नियम, अब इस सर्टिफिकेट के बिना नहीं होगा रसोईयों का चयन

 

 

Bihar Rasoiya Bharti: प्रारंभिक विद्यालयों में संचालित मध्याह्न भोजन योजना के संचालन में रसोइया सह सहायक के चयन में बदलाव किया गया है। अब चयन से पूर्व ही रसोइया सह सहायक को मेडिकल सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा।

बिहार सरकार ने रसोईया के मानदेय में ₹2000 की बढ़ोतरी की फाइल पायल को वित्त विभाग में मंजूरी के लिए भेज दिया है वित्त विभाग से फाइल आते ही मुख्यमंत्री खुद की घोषणा करेंगे भैया के मानदेय में 2000 की विरोधी होने के साथ ही आगरा पूजा को प्रतिमा 3600 रुपए मिलेंगे

इसमें उन्हें यह बताना होगा कि वह किसी भी असाध्य या संक्रमित बीमारी से ग्रसित नहीं है।

यह प्रमाण पत्र उन्हें जिला में पदस्थापित किसी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा बनाकर सत्यापन उपरांत चयन समिति को देना होगा। इसके बाद ही समिति किसी पुरुष या स्त्री को रसोइया सह सहायक के रूप में चयन कर सकेगा।

इसको लेकर मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक योगेंद्र सिंह ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन योजना को आवश्यक रूप से इसे लागू करने को लेकर निर्देशित किया है। इससे पहले रसोईया सह सहायक के चयन में इस प्रकार के किसी चिकित्सीय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती थी।

रसोईया के चयन को लेकर जारी किया गया गाइडलाइन

रसोइया चयन से संबंधित विभाग द्वारा जो गाइडलाइन जारी किए गए हैं उसके मुताबिक विद्यालयों में रसोईया सह सहायक की संख्या का निर्धारण कुल नामांकित छात्र-छात्राओं के 85 फीसद संख्या को आधार मानकर किया जाएगा। यदि किसी विद्यालय में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 1 से 25 तक है तो वहां केवल एक रसोईया की बहाली की जाएगी।

इस तरह 26 से 100 छात्र वाले विद्यालयों में दो, 101 से 200 छात्र वाले विद्यालय में तीन, 201 से 300 छात्र वाले विद्यालय में चार, 301 से लेकर 400 छात्र वाले विद्यालय में पांच तथा 401 से लेकर 500 तक छात्र वाले विद्यालय में 6 रसोईया सह सहायक का चयन किया जाएगा। इसके अलावा जिन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या 5 सौ से अधिक है वैसे विद्यालय में प्रत्येक अतिरिक्त 300 छात्र छात्राओं पर एक अतिरिक्त रसोईया सह सहायक को लगाया जाना है।

मृत्यु होने पर मिलेगा चार लाख

कार्यकाल के दौरान रसोईया सह सहायक की मृत्यु होने पर सरकार द्वारा उन्हें चार लाख रुपए की सहायता दी जाती है। इसके लिए विभाग ने प्रावधानों में बदलाव करते हुए कहा है कि कार्यकाल के दौरान मृत्यु होने वाले रसोईया का प्रतिवेदन दो माह के अंदर डीपीओ के अनुशंसा से विभाग को भेजना अनिवार्य होगा। ताकि समय से यह राशि मृत रसोईया सह सहायक के परिवार को मिल सके।

क के चयन प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। चयन से पूर्व रसोइया को चिकित्सीय प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही समिति रसोईया का चयन की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं। कार्यकाल के दौरान मृत्यु होने वाले रसोईया का प्रतिवेदन दो माह के अंदर भेजना अब अनिवार्य कर दिया गया है।

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